Nov 13, 2009

समय तू धीरे धीरे चल-कर्म १९७७

समय पर बने मधुरतम गीतों में से एक है फिल्म कर्म का
-समय तू धीरे धीरे चल। बोल, धुन और गायकी सब लाजवाब
है इसकी। सुनते रहिये बस, ऐसा लगता है। इसके बोल लिखे हैं
इन्द्रजीत सिंह तुलसी ने। इस फिल्म में कविवर भारत व्यास ने
भी कुछ गीत लिखे हैं। अच्छे गीत हैं फिल्म में। कमजोर कथानक
होने की वजह से फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ कमाल नहीं दिखा पाई ।
इस गाने में नायक राजेश खन्ना हैं और नायिका विद्या सिन्हा।



गाने के बोल:

समय तू धीरे धीरे चल
समय तू धीरे धीरे चल

सारी दुनिया छोड़ के पीछे
आगे जाऊं निकल
मैं तो आगे जाऊं निकल
पल पल, हो, पल पल

समय तू धीरे धीरे चल
समय तू धीरे धीरे चल

सारी दुनिया छोड़ के पीछे
आगे जाऊं निकल
मैं तो आगे जाऊं निकल
पल पल, हो, पल पल

समय तू धीरे धीरे चल
समय तू धीरे धीरे चल

ये रुत और ये प्यारा समां
सारा जीवन ठहरे यहाँ

प्यार की राहों में खोई रहूँ
तेरी बाँहों में सोयी रहूँ

आज का दिन मेरी मुट्ठी में है
किसने देखा कल
अरे, किसने देखा कल

पल पल, हो, पल पल

समय तू धीरे धीरे चल
समय तू धीरे धीरे चल

रुक जाएँ घडियां रुक जाएँ दिन
रात की जुल्फों में बंध जाएँ दिन

ना मैं मैं रहूँ ,ना तुम तुम
एक दूजे में हो जाएँ गुम

बन के शमा परवाना दोनों
प्यार में जाएँ जल
हम तो प्यार में जाएँ जल

पल पल, हो, पल पल

समय तू धीरे धीरे चल
समय तू धीरे धीरे चल

सारी दुनिया छोड़ के पीछे
आगे जाऊं निकल
मैं तो आगे जाऊं निकल

पल पल, हो, पल पल

समय तू धीरे धीरे चल
समय तू धीरे धीरे चल

छोटा सा हो अपना घर
ना कुछ फिक्रें ना कोई डर

हर दम ऐसा वक्त रहे
आँखों से, ना आंसू बहें

धरती पर्वत हिल सकते हैं
अपनी प्रीत अटल
देखो अपनी प्रीत अटल

पल पल, हो, पल पल

समय तू धीरे धीरे चल
समय तू धीरे धीरे चल

सारी दुनिया छोड़ के पीछे
आगे जाएँ निकल
हम तो आगे जाएँ निकल

पल पल, हो, पल पल

समय तू धीरे धीरे चल
समय तू धीरे धीरे चल
समय तू धीरे धीरे चल

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